राज्य षासन की नीति के तहत् महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन एक सकारात्मक सोच है। समिति की महती उद्देश्य छात्रहित में महाविद्यालय के बहुआयामी विकास हेतु विभिन्न रचनात्मक कार्यों के संपादन से शिक्षा के आदर्श बौद्धिक परिवेश का निर्माण करना है। परंतु यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि समिति की सोच कितनी सकारात्मक है और कितनी तत्परता से उन समस्याओं से निजात पाकर विकास के नये आयाम स्थापित करती है। यह महाविद्यालय इस संदर्भ में सौभाग्यशाली रहा है कि जनभागीदारी समिति न केवल महाविद्यालयों की
आधारभूत आवश्यकताओं तथा पानी, बिजली एवं आसन व्यवस्था आदि की पुनस्र्थापना कर समस्याओं से निजात दिलाया है, वरन शिक्षक विहीन विभागों के लिये वैकल्पिक शिक्षकों एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कर अनुकरणीय कदम उठाया है। भविष्य में महाविद्यालय के विकास में सक्रिय सहयोग की आशा है।